बाइडेन चुनाव जीते तो इकोनॉमी सुधारना उनके लिए बड़ी चुनौती होगी, अमेरिका को इन्फ्रास्ट्रक्चर बेहतर करने पर फोकस करना होगा

अमेरिका में तीन नवंबर को राष्ट्रपति चुनाव हैं। मुकाबला राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प और डेमोक्रेट कैंडिडेट जो बाइडेन के बीच है। सवाल यह है कि अगर बाइडेन जीते तो उनकी इकोनॉमिक पॉलिसी क्या होगी। मुझे लगता है कि इकोनॉमिस्ट्स भी ये जानते हैं कि उन्हें क्या करना चाहिए। लेकिन, इस बात पर जरूर शक है कि उनकी टीम इसे ठीक से समझ पाई है। फिक्र इस बात की भी है कि मीडिया को भी इससे झटका लगेगा।

तो क्या होना चाहिए
अगर अमेरिका की वर्तमान और भविष्य की आर्थिक रणनीति पर बात करें तो दो चीजें नजर आती हैं। पहली- भविष्य की योजनाओं पर तगड़ा बजट खर्च किया जाए। दूसरी- इस बात पर विचार की जरूरत नहीं है कि पैसा कहां से आएगा। फिलहाल और आने वाले कुछ साल तक बड़ा बजट घाटा ठीक नहीं होगा। इस बारे में जिम्मेदारी से काम करना होगा।

पहली और बड़ी चुनौती
मान लीजिए अगर बाइडेन जनवरी में सत्ता संभालते हैं तो उनके सामने सबसे बड़ी चुनौती होगी- कोरोनावायरस। यह चली आ रही है। ट्रम्प तो कब से कह रहे हैं कि ये बिल्कुल खत्म होने वाली है। लेकिन, सच्चाई तो कुछ दूसरी है। और वो ये है कि संक्रमित भी बढ़ रहे हैं और अस्पताल भी मरीजों से भरते जा रहे हैं। ट्रम्प एडमिनिस्ट्रेशन अब तक चुपचाप तमाशा देख रहा है। उसने हालात से निपटने के लिए जरूरी कदम नहीं उठाए। यहां एक बात साफ तौर पर समझ लेनी चाहिए कि जब तक हम महामारी पर काबू नहीं पा लेते तब तक इकोनॉमी भी नहीं सुधरेगी।

लोगों की मदद करनी होगी
इकोनॉमी को बेहतर बनाने के लिए कदम उठाने होंगे। लेकिन, इसके मायने क्या हैं? क्या फिर कोई बड़ा आर्थिक पैकेज देना होगा। खास तौर पर उन राज्यों और परिवारों को जहां इस वक्त कैश की परेशानी है। क्या शहरों की मदद करनी होगी। इस मदद का सही मायनों में अर्थ मानवीय आधार पर मदद देना है। ताकि वे किराया दे सकें और उनके पास दो वक्त की रोटी का इंतजाम हो। राज्यों और शहरों की बुनियादी सुविधाओं में कमी नहीं की जानी चाहिए। इस बारे में आमदनी और खर्च का संतुलन भी बनाकर रखना होगा।

भविष्य पर ध्यान देना होगा
बड़े बजट या खर्च का यह मतलब नहीं होना चाहिए कि यह महामारी को खत्म करने के लिए ही हो। हमें भविष्य की योजनाओं पर निवेश करना होगा। कई साल तक हमने लोगों का जीवन स्तर सुधारने पर ज्यादा खर्च नहीं किया। अमेरिका को अब सबसे ज्यादा जरूरत अपना इन्फ्रास्ट्रक्चर सुधारने की है। एक ऐसी इकोनॉमी तैयार करनी होगी जिसमें पर्यावरण की जरूरतें भी पूरी हों। इस बात का प्लान तैयार करना होगा कि हमारे बच्चे बड़े होकर हेल्दी यानी स्वस्थ रहें और अमेरिका के विकास में योगदान दे सकें। अमेरिका दुनिया के उन अमीर देशों में शामिल है, जो परिवारों को बहुत कम मदद देते हैं।

फंड का इंतजाम कैसे होगा
बड़ा सवाल यह है कि इतने खर्च के लिए पैसे यानी बजट का इंतजाम कहां से होगा। कई बार आपने सुना होगा और कई लोग अकसर कहते हैं- सरकार को कारोबार जैसे चलाना चाहिए। लेकिन, ये गलत सोच है। लेकिन, स्मार्ट बिजनेस के लिए जब मौके मिलें तो हमारी सोच क्या होनी चाहिए। फरवरी में लॉन्ग टर्म इन्फ्लेशन रेट 0.12% था। इसे शून्य से कम होना चाहिए। लोगों और बचत करना होगी और फिर इस पैसे का इस्तेमाल निवेश पर करना चाहिए। सरकार को फ्यूचर इन्वेस्टमेंट्स के लिए बड़े पैमाने पर कर्ज लेने से बचना होगा।

कर्ज की दिक्कत
सरकार जब भी कर्ज तो ब्याज कम होना चाहिए। इससे भविष्य में इकोनॉमी को फायदा होता है। कर्ज हमेशा दिक्कत पैदा करते हैं। लेकिन, सरकार को इससे निपटने का तरीका आना चाहिए। प्राईवेट इन्वेस्टमेंट्स को बढ़ावा देना होगा। मूडीज के एनालिस्ट्स कहते हैं- बाइडेन राष्ट्रपति बने तो ट्रम्प सरकार जारी रहने की तुलना में जीडीपी 4.5% ज्यादा होगी। गोल्डमैन शेशे यह संभावना 3.7% बताते हैं। कुल मिलाकर बाइडेन के लिए तो यह अच्छे संकेत हैं। उन्हें दो काम करने होंगे। पहला- महामारी से निपटें। दूसरा- देश का भविष्य बेहतर बनाएं। लेकिन, क्या सियासत आड़े आएगी? इस बारे में आगे बात करेंगे।



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Joe Biden For President; Democratic Presidential Candidate Two Biggest Challenges - US Economy and America Infrastructure


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