निजी स्कूलों के बच्चे शिक्षकों के साथ लाइव क्लास ले रहे, सरकारी के छात्र ऑनलाइन में भी शिक्षकविहीन

सरकारी व निजी स्कूलों के बीच शिक्षा की खाई बहुत गहरी है, लेकिन कोरोनाकाल ने इसे और गहरा कर दिया है। निजी स्कूलों के बच्चे जहां उन्हीं शिक्षकों के साथ लाइव क्लास ले रहे हैं, वहीं सरकारी के छात्र ऑनलाइन में भी शिक्षकविहीन ही हैं। कोरोनाकाल में सरकारी स्कूल के छात्रों से डिजिटल भेदभाव की ये तस्वीरें चिंताजनक हैं

सरकारी में वन-वे पढ़ाई; अपलोड वीडियो भेजे जाते हैं, इनसे कुछ समझ में न आए तो पूछ भी नहीं सकते

  • स्माइल प्रोजेक्ट के तहत शिक्षा अफसरों, शिक्षकों व अभिभावकों के वाॅट्सएप ग्रुप बनाकर कक्षावार रोज कंटेंट भेजा जाता है। यह सिर्फ वीडियो में होता है यानी वन-वे पढ़ाई। मतलब कुछ समझ में न आए तो टीचर से नहीं पूछ सकते।

निजी में टू-वे स्टडी; स्क्रीन पर लाइव क्लास में ही टीचर पढ़ाती हैं, समझ न आए तो बच्चे सीधे पूछ भी सकते हैं

  • निजी स्कूलों ने ऑनलाइन पढ़ाई का कक्षावार टाइम टेबल तैयार किया। फिर शिक्षकों ने स्क्रीन पर लाइव होकर पढ़ाया, ठीक वैसे ही जैसे ऑफलाइन क्लास पढ़ाते हैं। ऐसे में बच्चे सवाल पूछ सकते हैं और टीचर उन्हें सीधे जवाब देते हैं।

दांव पर भविष्य

63,283 सरकारी स्कूल हैं प्रदेश में

85.75 लाख बच्चे पढ़ते हैं इन स्कूलों में

03.82लाख शिक्षक हैं सरकारी स्कूलों में

35,745 निजी स्कूल हैं राजस्थान में

78.69लाख छात्र पढ़ते हैं इन स्कूलों में

03.32लाख शिक्षक हैं निजी स्कूलों में



आज की ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए दैनिक भास्कर ऍप डाउनलोड करें
कोरोनाकाल में सरकारी स्कूल के छात्रों से डिजिटल भेदभाव की ये तस्वीरें चिंताजनक हैं


https://ift.tt/34mGxSt
/national/news/digital-divide-even-in-online-class-while-children-from-private-schools-are-taking-live-classes-with-the-same-teachers-government-students-are-also-teacherless-in-online-127841842.html

If You have any doubt or query then you can contact us

Post a Comment (0)
Previous Post Next Post