कोरोना काल में अब तक हम पढ़ते-सुनते आए हैं कि मरीज कितने दिन में दोगुने हो रहे हैं। लेकिन, अब पांच महीने बाद लगातार 9 दिन सक्रिय मरीज बढ़ने की दर शून्य से नीचे है, इसलिए गणना भी बदल गई है। 20 से 28 सितंबर तक सक्रिय मरीज बढ़ने की औसत दर -0.21% रही। यही ट्रेंड रहता है तो अगले 102 दिन में सक्रिय मरीजों की संख्या घटकर आधी रह जाएगी।
डब्ल्यूएचओ के अनुसार, सक्रिय मरीज बढ़ने की दर लगातार 14 दिन शून्य से नीचे रहती है तो उसे कोरोना का पीक मान लिया जाता है। इसी आधार पर अमेरिका, ब्राजील और यूरोपीय देश अपने यहां पीक घोषित कर चुके हैं।
सरकारी आंकड़ेे कितने सच?
मध्यप्रदेश में एंटीजन टेस्ट में मिले बिना लक्षण वाले मरीजों को रिपोर्ट नहीं करने का आदेश जारी हुआ है। इसी तरह गुजरात, बंगाल, तेलंगाना में आंकड़ों पर सवाल उठ चुके हैं।
- देश में 20 से 28 सितंबर के बीच कुल 56,298 सक्रिय मरीज घटे हैं। इसमें 35,818 अकेले महाराष्ट्र के है।
- 21 राज्यों-केंद्र शासित प्रदेशों में सक्रिय मरीज घटने का ट्रेंड पिछले दो हफ्ते से बनना शुरू हुआ है। चुनावी राज्य बिहार में वृद्धि दर -1.2% रही है।
- पूर्वोत्तर में सिक्किम (+48.5%), अरुणाचल प्रदेश (+33.4%) और मणिपुर (+26.2%) में भी सक्रिय मरीज अचानक बढ़ने शुरू हुए हैं।
बड़ी उम्मीद... सबसे संक्रमित तीनों देशों में अब बढ़ोतरी नहीं हो रही
अमेरिका में सक्रिय मरीज 25 लाख पर थम गए हैं। जबकि, ब्राजील में आंकड़ा घटकर 5 लाख के पास पहुंच चुका है।
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